Nirmal Desai

Drama Romance Tragedy

3  

Nirmal Desai

Drama Romance Tragedy

४ महीने

४ महीने

1 min
130


छोटी सी बात थी,

एसी भी क्या ख़ास थी ?

यूँ ही तुम मुकर गए हम से,

अपनो से ही बिछड़ गए।

छोड़ गए तुम हमें ग़ैरों के लिए ,

हम तो हमारा सब तुम पे लूटा चुके थे।

ढूँढ रहे थे तुम बहाने हम से बिछड़ने का,

हम तुम से जुड़ ने के बहाने ढूँढते रह गए।

बात तो की थी हमेशा साथ निभाने की,

हमें क्या पता था बात सिर्फ ४ महीनों की होगी।

मोहब्बत रही ४ महीने ज़िंदगी में,

रहा ४ महीने का असर ज़िंदगी भर का।


Rate this content
Log in

More hindi story from Nirmal Desai

Similar hindi story from Drama