15 अगस्त ( स्वतंत्रता दिवस )
15 अगस्त ( स्वतंत्रता दिवस )
याद करो उन वीरों को,
जिसने जीवन का बलिदान किया ।
आजादी के हवन कुण्ड में ,
हंस-हंस कर प्राणाहुति दिया ।।
कदम कभी ना डिगे थे,
उनके जीवन न्यौछावर करने में ।
सीना तान कर खड़े हो गए,
अंग्रेजी सेना से लड़ने में ।।
अपने प्राणों की आहुति दे,
भारत मां को आजाद किया ।
अंग्रेजों को भगा देश से,
सब हथकड़ी बेढ़ियां काट दिया ।।
कितने सपूत बलिदान हुए थे,
तब आजादी आई थी ।
वीरांगनाओं ने युद्ध किया,
भारत मां की लाज बचाई थी ।।
माताओं के आंखें सूझी थीं,
अश्रु सूख गए नयनन में ।
कितने पुत्र अनाथ हो गए,
बिंदिया ना रही अब मस्तक में ।।
जिनके लाल बलिदान हो गए,
पूछो अब उन माताओं से ।
मांगों का सिन्दूर पुछ गया,
पूछो अब उन विधवाओं से ।।
आजादी का पर्व नहीं ,
बलिदानियों के बीज का पौधा है ।
बलिदानियों के रक्त से,
अभिसिंचित ये अनुपम पौधा है ।।
आओ उन बलिदानियों को ,
हम शत् शत् बार करें वन्दन ।
जिन माताओं ने जन्म दिया,
उनको भी कोटिश: है वन्दन l।