Surya Barman

Children Stories Tragedy Crime

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Surya Barman

Children Stories Tragedy Crime

दिलशाद और भागवत निषाद की

दिलशाद और भागवत निषाद की

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सच्ची और पूरी कहानी 


आर्मी से रिटायर भागवत निषाद बड़हलगंज के पटना चौराहे पर घर बनाकर सपरिवार रहते हैं ।उनके घर के ठीक सामने अब्दुल की साइकिल की दुकान है । जिसमें मुज्जफरपुर बिहार का रहने वाला दिलशाद काम करता था ,दिलशाद ने भागवत निषाद की 17 वर्षीय बेटी पर डोरे डालना शुरू कर दिया, उसने इनके घर तक पैठ बनाई और छोटे मोटे काम में मदद करना शुरू कर दिया ।कुछ समय बाद दिलशाद का भागवत निषाद के घर में बेरोकटोक आना जाना शुरू हो गया और इसने पूरी तरह से इनकी बेटी को अपने जाल में फंसा लिया ।

इसने लड़की के कई सारे अश्लील फोटो और विडियो बना लिया और लड़की को अपने साथ भागने के लिए मजबूर करने लगा ।

अपना और अपने परिवार ‌की इज्जत बचाने के लिए लड़की 11फरवरी 2020 को इसके साथ हैदराबाद चली गई ।भागवत निषाद ने दिलशाद के उपर अपहरण का मुकदमा बड़हलगंज थाने में दर्ज कराई ।

पुलिस ने अप्रैल 2020 के प्रथम सप्ताह में दिलशाद को हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया और लड़की को ‌बरामद भी कर लिया गया ।लड़की बरामद होने के बाद , उस लड़की के बयान के आधार पर व अपहरण के साथ साथ बलात्कार और पास्को एक्ट की धाराएं जोड़ दी गई और दिलशाद को ‌गोरखपुर के ‌बिछिया जेल में भेज दिया गया ।

अप्रैल 2020 से नवम्बर 2021 तक वो जेल में रहा । चूंकि उसके पास कई फोटो ग्राफ थे । जिसके आधार पर उसके वकील ने कोर्ट को ये बताया कि बलात्कार या अपहरण जैसा कोई मामला नहीं है । लड़की उससे प्यार करती थी इसलिए उसके साथ गई और स्वेच्छा से शारीरिक संबंध बनाए ।

वकील ने मांग की ,कि चूंकि लड़का निहायत ही गरीब परिवार से है । और अपने परिवार की रोजी-रोटी का साधन है इसलिए जमानत दी जाए ।

जज ने उसकी जमानत मंजूर कर ली, और दिसम्बर 2021 के मध्य सप्ताह में वो जेल ‌से बाहर आ गया ।

बाहर आकर वो फिर लड़की और उसके परिवार को ब्लैकमेल करने लगा, वो कहने लगा कि लड़की की कहीं भी शादी नहीं होने देगा, उसकी जिंदगी बर्बाद कर देगा साथ ही साथ अश्लील विडियो भी वायरल करने लगा ।

अब सोचिए कि बिहार के मुजफ्फरपुर से आकर क्या वो अकेले ‌यहां इस तरह का दुस्साहस कर सकता था ...? 

तो वो अकेला नहीं था, पूरी स्थानीय जमात उसके साथ थी, शांति प्रिय समुदाय के जितने भी स्थानीय अपराधी प्रवृत्ति के युवक थे, सब उसके साथ साए की तरह रहते थे, और सुरक्षा प्रदान करते थे ।

उसके अत्याचार से पूरी तरह टूट चुके भागवत निषाद मौके की तलाश में जुट गए । और कल 21/1/22 को दिलशाद उसी केस के तारीख में गोरखपुर गया और अपने वकील से मिलने के लिए कचहरी के साइकिल स्टैंड के पास खड़ा था ।

भागवत निषाद ने वहीं अपने लाइसेंसी ‌पिस्टल से गोली मार दी , गोली लगने के बाद भी वो भागने लगा ।

भागवत निषाद ने निशाना साधकर दूसरी गोली चला दी जो कि उसके भेजे के आर-पार हो गई और वो वहीं ढेर हो गया भागवत निषाद ने इसके बाद खुद को सरैंडर कर दिया ।


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