रिश्तेदार का शहर अंजाना ठहाकों के साथ पानी पूरी खाना रिश्तेदार का शहर अंजाना ठहाकों के साथ पानी पूरी खाना
सोच के वो ठेले वाला सब सहता गया, सोच के वो ठेले वाला सब सहता गया,
मुस्कुराते सबसे करता बातें था वो और दादा बुलाता हर छोटे बड़े को। मुस्कुराते सबसे करता बातें था वो और दादा बुलाता हर छोटे बड़े को।
कितने कितने स्वाद निराले मन को भाते, ललचाते हरदम कितने कितने स्वाद निराले मन को भाते, ललचाते हरदम
नफरतों के शहर में, मैं लगाऊंगा भाईचारे का एक मजबूत ठेला हूं। नफरतों के शहर में, मैं लगाऊंगा भाईचारे का एक मजबूत ठेला हूं।
ठेलते पुरजोर ठेला वे निवालों के लिए। चल दिये मीलों उलझते हर सवालों के लिए। ठेलते पुरजोर ठेला वे निवालों के लिए। चल दिये मीलों उलझते हर सवालों के लिए।