यूँ तो जाते हूए..
यूँ तो जाते हूए..
यूँ तो जाते हूए मैंने उसे रोका भी नहीं,
प्यार उस से ना रहा,वो मुझे ऐसा भी नहीं....
छलक जाती थी आँखें, उसकी एक बेरूखी से,
आज उसके दर्द में मैं रोया भी नहीं.....
प्यार उस से ना रहा,वो मुझे ऐसा भी नहीं,
वो तो जाते हुए मैंने उसे रोका भी नहीं...
एहसासों को जोड़-जोड़, बनाता रहा एक घरोंदा अपना,
बेवफाई के आग में जल गया सबकुछ,
फिर भी मैंने कुछ बचाया ही नहीं,
प्यार उससे ना रहा, वो मुझे ऐसा भी नहीं.....
वो तो जाते हुए मैंने उसे रोका भी नहीं.......
जिसके पीछे -पीछे इंतजार में घूमा करते थे कभी,
मुझको उसके लौट आने की कोई ख्वाहिश ही न रही...
प्यार उससे ना रहा,वो मुझे ऐसा भी नहीं...
यूँ तो जाते हूए मैंने उसे रोका भी नहीं......