यही तमन्ना हमारी है
यही तमन्ना हमारी है
पा सका न चमकते सूरज की रोशनी
तो कोई गम नहीं
फिर भी अंधेरी राह में दीप जलाऊँ
यही तमन्ना हमारी है।
उड़ सका न उस ऊंचे नभ में
तो कोई गम नहीं
करके आजाद पंक्षियों को
ऊँचे गगन में उड़ाऊँ
यही तमन्ना हमारी है।
पा सका न मंजिल जो अपनी
तो कोई गम नहीं
मंजिल ए राह औरों को दिखाऊं
यही तमन्ना हमारी है।
मिटा सका न गम मैं खुद
तो कोई गम नहीं
खुशियों से जीवन औरों के भर जाऊँ
यही तमन्ना हमारी है।
आवाद न हुई जिंदगी जो हमारी
तो कोई गम नहीं
औरों की जिंदगी मुक़्क़मल कर जाऊँ
यही तमन्ना हमारी है।
बेतहासा अन्धकार में डूबा रहे जीवन मेरा
तो कोई गम नहीं
रोशन जिंदगी सबकी कर जाऊं
यही तमन्ना हमारी है।
प्यार मुझको न मिला जिंदगी भर
तो कोई गम नहीं
प्यार औरों पर लुटाऊँ
यही तमन्ना हमारी है।
वेरंग भले ही रही हो जिंदगी मेरी
तो कोई गम नहीं
रंगीन जिंदगी औरों की कर जाऊँ
यही तमन्ना हमारी है।
पंख हौसलों के कतर गए मेरे
तो कोई गम नहीं
हौसले औरों को दे जाऊँ
यही तमन्ना हमारी है।
जब सांसें थम जाए मद्धम पड़े जाए
आँखों की रोशनी
तो कोई गम नहीं
अपनी आँखों से किसी और को
ये सुन्दर संसार दिखाऊँ
यही तमन्ना हमारी है।
