ये वक़्त
ये वक़्त




ये वक़्त कुछ नासाज़ सा है
एक अनजाने दुश्मन से जंग का आगाज़ सा है
जंग एक ऐसे रोग के साथ जो अनसुना था आज से पहले
अनोखा सा, हाथ मिलाओ तो लगे डर, ना जाने कौन किसकी जान लेले
प्रच्छन्न रूप में ये कर रहा है घात
ना जाओ कहीं, ना ही मिलो किसी से, ये कैसी हुई बात
अपनी ही शर्तों में बांध दिया है सभी को इसने
मानो जैसे थम गई हो ज़िन्दगी या जैसे रुक गए हो सपने
घर में रहने का बहाना ढूंढ ने वाले लोग आज घर में होके भी हो रहे है परेशान
ठीक ही सुना था मैंने कभी की किसी चीज़ में खुश नहीं हो सकता इंसान
कहते है डाल दी है बेड़ियां इसने पैरो में, कोई वजह तो हो जो दे मुस्कान
करनी है बस मनमानी इन्हे, ढूंढ ना है तो बस आराम, ना जाने इसे किस बात का है गुमान
लिया जन्म इस दुनिया में हमने है, हमने भी तो दुनिया अपनी शर्तों पर ही है सजाई
और अब जब दुनिया ने पलट जवाब दिया तो रूबरू हो रही हैं वो सच्चाई
तोड़ा है मरोड़ा है हम ही ने इस जहां को ऐसा, लापरवाही की हद्घ भी है पार की
ये बेबसी, ये लाचारी फिर ना जाने किस बात की
प्रख्यात चाहे जितना भी हो ये देश हमारा
पर इस देश को इस वक़्त चाहिए हमारा थोड़ा सा सहारा
हमारा थोड़ा सा वक़्त जो हमे अपनों के साथ बिताना है, बस घर से बाहर नहीं आना है
धीरज रखना है, इस लड़ाई को हमे उसके अंजाम तक पहुंचाना है, हमे जीत के दिखाना है
वक़्त है ये ना साथ होते हुए भी साथ होने का, खुद को खुदकी पहचान याद दिलाने का
वक़्त है ये एकत्र होके सबका हौसला बढ़ाने का
वक़्त है ये बच्चो की, बुजुर्गो की, मासूमियत को जीने का, वक़्त है भुलाने का अनचाहे शिकवे गिले
ना खोना इस वक़्त को, जी लो इसे, इसी उम्मीद में कि ये मौका, ये पल, ये वक़्त, फिर मिले ना मिले