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Sakshi Sul

Abstract Romance Tragedy

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Sakshi Sul

Abstract Romance Tragedy

याद!

याद!

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तुझसे यूं बिखरे न जाने कब महफिलों से गुम होने लगे

हकीकत में हम साथ नहीं ये बातें ख्वाबों में दोहराने लगे

अनजानी गलती से अनजानी राह पे आ ठहरे थे


साथ बिताया हर पल याद तो अभी भी आता है 

यादों में कहीं कोई सवाल छोड़ जाता है 

याद आ जाए कभी मेरी किस बहाने से तुम मुस्कुराते हो ?

गुजरो कभी उन रास्तों से किन खयालों से तुम मिलते हो?



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