वतन के लिए
वतन के लिए
खुशी खुशी जान दे देंगे वतन के लिए।
लहू अपना बहा देंगे इस चमन के लिए।
आँच आए न मेरी माँ भारती पर कभी,
चाहे मरना पडे़ हर जनम के लिए।
न झुका है, न झुकेगा ये तिरंगा कभी,
हुंकार भर के बढो़ शत्रु दमन के लिए।
कुर्बान तुझ पर वतन ये मेरी जिंदगी,
तिरंगा ही मिले बस, कफ़न के लिए।
