STORYMIRROR

अंजनी कुमार शर्मा 'अंकित'

Abstract Inspirational

4  

अंजनी कुमार शर्मा 'अंकित'

Abstract Inspirational

वतन के लिए

वतन के लिए

1 min
398

खुशी खुशी जान दे देंगे वतन के लिए।

लहू अपना बहा देंगे इस चमन के लिए।


आँच आए न मेरी माँ भारती पर कभी,

चाहे मरना पडे़ हर जनम के लिए।


न झुका है, न झुकेगा ये तिरंगा कभी,

हुंकार भर के बढो़ शत्रु दमन के लिए।


कुर्बान तुझ पर वतन ये मेरी जिंदगी, 

तिरंगा ही मिले बस, कफ़न के लिए।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract