Kunwar Navneet Chandel
Abstract
नजरें मिलती है जब उससे,
चहुंओर शून्य नजर आता है।
निशब्द हो जाता हूँ,
वक्त थम सा जाता है।
उमड़ता है ज्वार
मेरे अन्तरमन में,
वो खूबसूरत चेहरा
नजर जब आता है।
देखकर उसको
मन मचल जाता है।
जीवन गाथा
जिन्दगी
वो सुन्दरता
महासमर
भारतवर्ष
निंदा -घृणा -अपमान -यातना -त्याग ही से तो सागर जैसे विशाल हुए। निंदा -घृणा -अपमान -यातना -त्याग ही से तो सागर जैसे विशाल हुए।
कभी मिटाए दर्द पुराना कभी नए दर्द जगाता है, कभी मिटाए दर्द पुराना कभी नए दर्द जगाता है,
ज़ब तक है जमाने में होशियार आदमी. तब तक है नहीं कोई तलबगार आदमी। ज़ब तक है जमाने में होशियार आदमी. तब तक है नहीं कोई तलबगार आदमी।
हिंदी हमारी भाषा है जन-जन की अभिलाषा है हिंदी हमारी भाषा है जन-जन की अभिलाषा है
ओ हरियाली को काटने वालों, तुम इसकी मोल पहचानों।। ओ हरियाली को काटने वालों, तुम इसकी मोल पहचानों।।
कुछ तुझे सताने से आयी है, तुम्हारे जैसा कोई मिला ही नहीं हैं। कुछ तुझे सताने से आयी है, तुम्हारे जैसा कोई मिला ही नहीं हैं।
यूं खोकर खुद को मैं,जिंदगी में भागती रही। ऐ जिंदगी तुझे में,हर पल यूं तलाशती रही। यूं खोकर खुद को मैं,जिंदगी में भागती रही। ऐ जिंदगी तुझे में,हर पल यूं तलाशती ...
सदा रहना देश सेवा के वाचक देश रहेगा सदा तुम्हारा याचक। सदा रहना देश सेवा के वाचक देश रहेगा सदा तुम्हारा याचक।
भारत का परचम लहराएगा, अब फिर से भारत सोने का चिड़िया कहलाएगा। भारत का परचम लहराएगा, अब फिर से भारत सोने का चिड़िया कहलाएगा।
हर परेशानी को सुलझाया है मेरी, हर गलती होने पर समझाया है मुझको हर परेशानी को सुलझाया है मेरी, हर गलती होने पर समझाया है मुझको
आपकी बातों से ही, आपकी बातों से ही,
कड़वे कड़वे बोलों को दिल में कैसे उतार लिया ना जानो तो मान लो ऐसे ना मुझको पहचान लो कड़वे कड़वे बोलों को दिल में कैसे उतार लिया ना जानो तो मान लो ऐसे ना मु...
मातृ शक्ति और युवाओं की कुर्बानियों का अहसास उन्हें कराएंगी। मातृ शक्ति और युवाओं की कुर्बानियों का अहसास उन्हें कराएंगी।
गदा तीर तलवार उठा लो अब डटकर लड़ना होगा।। गदा तीर तलवार उठा लो अब डटकर लड़ना होगा।।
कभी मीठी बातों से मुझे मनाती हैं कभी मेरी दादी बनती हैं कभी मीठी बातों से मुझे मनाती हैं कभी मेरी दादी बनती हैं
हे बप्पा तुम माफ करो, शरण तुम्हारे आया हूँ मैं थोड़ा इसका भी ध्यान करो। हे बप्पा तुम माफ करो, शरण तुम्हारे आया हूँ मैं थोड़ा इसका भी ध्यान करो।
खानी कचौड़ी रुपया दस मन मन में गया है बस रुपया दस। खानी कचौड़ी रुपया दस मन मन में गया है बस रुपया दस।
मोदक तुमको बहुत है प्यारा संकट हर लो जीम उदर भर। मोदक तुमको बहुत है प्यारा संकट हर लो जीम उदर भर।
बस, हिन्द में बसना चाहती हूँ। मैं हिन्दी हूँ...। बस, हिन्द में बसना चाहती हूँ। मैं हिन्दी हूँ...।
मन ने कहा भर गया हूंँ मैं तुम्हें नियंत्रित करते करते। मन ने कहा भर गया हूंँ मैं तुम्हें नियंत्रित करते करते।