Kunwar Navneet Chandel
Abstract
नजरें मिलती है जब उससे,
चहुंओर शून्य नजर आता है।
निशब्द हो जाता हूँ,
वक्त थम सा जाता है।
उमड़ता है ज्वार
मेरे अन्तरमन में,
वो खूबसूरत चेहरा
नजर जब आता है।
देखकर उसको
मन मचल जाता है।
जीवन गाथा
जिन्दगी
वो सुन्दरता
महासमर
भारतवर्ष
वायुसेना दिवस तो क्या हम तो रोज ही इनका गुणगान करते। वायुसेना दिवस तो क्या हम तो रोज ही इनका गुणगान करते।
दिल में एक उमंग उठी, एक फुलझड़ी छुड़ा लूँ अकेले, उदास मन को थोड़ा बहला लूँ..! दिल में एक उमंग उठी, एक फुलझड़ी छुड़ा लूँ अकेले, उदास मन को थोड़ा बहला ...
पैमाना है लगभग उपर्युक्त और सटीक शब्द है। पैमाना है लगभग उपर्युक्त और सटीक शब्द है।
नारी चंचल होती है नारी पुरुष का सम्बल होती है। नारी चंचल होती है नारी पुरुष का सम्बल होती है।
जिसने भी की दुनिया बदलने की कोशिश, वह दुनिया से चला गया, जिसने भी की दुनिया बदलने की कोशिश, वह दुनिया से चला गया,
वक्त बदले उसके पहले , खुद को बदल लो। वक्त बदले उसके पहले , खुद को बदल लो।
तो भी मैं गर्वित हूँ देवों के चरणों में मुझको ही स्थान मिला है। तो भी मैं गर्वित हूँ देवों के चरणों में मुझको ही स्थान मिला है।
बदन पर गीले वसन गीली है केशराशि। बदन पर गीले वसन गीली है केशराशि।
एक मुझमें कमी तो दूसरा सिर्फ प्यार देखता है। एक मुझमें कमी तो दूसरा सिर्फ प्यार देखता है।
बनकर नारी का परम रूप अपने आँचल से आंसू मेरे पोंछ देना बनकर नारी का परम रूप अपने आँचल से आंसू मेरे पोंछ देना
बदलाव के साथ कदमताल कीजिए, बदलाव का भी स्वागत, सम्मान कीजिए। बदलाव के साथ कदमताल कीजिए, बदलाव का भी स्वागत, सम्मान कीजिए।
निस्वार्थ कर्म करना है, सत्य पथ में चलना है। निस्वार्थ कर्म करना है, सत्य पथ में चलना है।
आओ मिलकर सभी मनाएं पावन पर्व दीपावली हर आंगन में। आओ मिलकर सभी मनाएं पावन पर्व दीपावली हर आंगन में।
बिन तेरे घर-आँगन सब सूना सा नज़र आता है, सब याद आता है.....सब याद आता है ! बिन तेरे घर-आँगन सब सूना सा नज़र आता है, सब याद आता है.....सब याद आता है !
प्रेम ही प्रेम रहे बस हृदय में भाइयों से आज आशीष पाएं प्रेम ही प्रेम रहे बस हृदय में भाइयों से आज आशीष पाएं
एक दिन ए कदम भी चलेंगे हौसले हमारेभी आसमाँ में जगमगायेंगे। एक दिन ए कदम भी चलेंगे हौसले हमारेभी आसमाँ में जगमगायेंगे।
जिसकी लौ कभी कम ना हो ऐसा दीप जो कभी ना बुझें जिसकी लौ कभी कम ना हो ऐसा दीप जो कभी ना बुझें
कौए को बेशक हंस बना दो, मगर ध्यान रखो, हंस का रंग सफेद है। कौए को बेशक हंस बना दो, मगर ध्यान रखो, हंस का रंग सफेद है।
भले ही फिल्हाल लिखाई की मेरी अहमियत ना हो, बावजूद उसके बस लिखते चले जाना है मुझे। भले ही फिल्हाल लिखाई की मेरी अहमियत ना हो, बावजूद उसके बस लिखते चले जाना है ...
खबर मेरी छुपाकर इन्होंने, पीठ मुझको दिखाई। ऐसे भी हैं दुनिया में लोग, समझ आज यह पाया।। खबर मेरी छुपाकर इन्होंने, पीठ मुझको दिखाई। ऐसे भी हैं दुनिया में लोग, समझ आज ...