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Jyoti kumari

Inspirational

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Jyoti kumari

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वो सिर्फ माँ है

वो सिर्फ माँ है

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वात्सल्य, ममता की कहलाती है अधिष्ठात्री,

औलाद की रक्षार्थ बन जाए कालरात्रि,

शिशु जन्म के क्षण हर कष्ट सहे,

प्रेम पीयूष बरसा हृदय संतुष्ट रहे,

ताप में आँचल की ठंडी छाव दे,

गोद में प्यार की थपकी आराम दे,

किलकारियों में पहली पुकार बने,

असंख्य दर्द सह नादानों की ढाल बने,

सृजनशीलता से सृष्टि का विस्तार करे,

आयु वृद्धि हो संतान की व्रत, उपवास धरे,

आगाध प्रेम ,संपूर्णता इसके ठाँव है,

दुआ माँगते रक्त-रंजित हुए पाँव है,

नियति विरुद्ध ये काल भी टाल दे,

जीवन पथ के कठिन क्षण सुधार दे,

कण-कण में उपस्थित इनसे आल्हाद है,

वेदों में धरती से ऊँचा स्थान है,

अंत नहीं जिसका ऐसा यह शब्द है,

देवता जिनकी शक्ति से स्तब्ध है,

वो सिर्फ माँ है, वो सिर्फ माँ है।



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