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नमस्कार भारत नमस्ते@ संजीव कुमार मुर्मू

Abstract

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नमस्कार भारत नमस्ते@ संजीव कुमार मुर्मू

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वो धोनी हैं

वो धोनी हैं

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वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने 


शौक बड़ी हैं चीज़ 

बड़ी चीजें बड़े लोग

आम आदमी क्या ? 


वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने 


दो घंटे लाइन लगने 

नल में से गंदा पानी 

5 रु में एक डंठल 

हरी धनिया साथ मिर्च


वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने 


दूध के पैकेट में न क्रीम 

ऑफिस देर पहुंचने तक 

एक के बाद एक चुनौतियां 


वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने 


विरला ही वो पाले

शौक की चिड़िया 

वरना जोंक जरूरत 

कभी बच्चों की फीस, 


वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने 


बीवी कभी गर्लफ़्रेंड

नहीं तो अस्पताल,

माता पिता सास ससुर 

आम क्या ख़ाक शौक


वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने 


जैसी है स्थिति  

शरीर के वो छिद्र 

हेल्थ बैलेंस पसीना 

वो दिन जल्द ही 

छिद्र फूट फूट के 

दहाड़-दगड़ रोएंगे. 


वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने 


शौक बनाम आम 

ये तमाम विचार 

या ये कहें ये दुख 

आउट ऑफ कंट्रोल 


वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने 


इंटरनेट पर वायरल 

तस्वीर टीम इंडिया 

कप्तान सिंह धोनी

क्रिकेट से रिटायर


वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने 


हाव भाव भाई किसान

आर्गेनिक टमाटरों गोभी

पत्ता गोभी,खेती ब्रोकली 

चूजे कड़कनाथ सब्जी

फार्म से मंडी में बेच रहा 


वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने 


अच्छा चूंकि सब्जी 

टीम इंडिया कैप्टन 

धोनी के खेत की 

पांच की जगह 10 


वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने 


इन्हें खरीद रहे जो 

बेचारे नहीं पारहे खरीद  

मंडी से वापस आ 

धोनी भाई ने बोया 

सोच समझ बोया


वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने


टेस्ट में इनका शायद

कोई तोड़ हो जोड़ हो

बात बाकी ये कि जैसे 

अपने तो अपने होते 

गोभी भी गोभी होती 

वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने 


धोनी के खेत की 

या हमारे खेत की. 

बोआई गुड़ाई मजा 

मजबूर धोनी नहीं 


वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने 


आप और हम होते 

दो दिन का शौक़

वापस ठंडे बस्ते 

हरिराम नाई कही

अंग्रेजों के जमाने 

वो जेलर को नहीं 


वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने 


धोनी भाई के खेत 

टमाटर खंड झार  

कूचा ओ बाजार 

पूरे 40 रु किलो

वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने 


मुद्दा धोनी के खेत 

40 रु किलो टमाटर

बिल्कुल नहीं मुद्दा 

खुद धोनी किसान 

असल क्या मकसद  


वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने 


भाई अपना किसान 

कोई मतलब नहीं 

वहां उधर दिल्ली 

किसान कृषि बिल 


वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने 


धरने पुलिस से लाठी

गोली,वाटर कैनन 

पानी खा न ही धोनी 

एमएसपी से मतलब


वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने 


खेत के टमाटर 40 रु

कल को ये 50 रु, 

60 या 70 भी बेचें 

लाइन लगा खरीदेंगे


वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने 


धोनी को चस्का किसानी

उनके पास पैसा अपना 

यहां पैसा निश्चित तारीख

कुछ खर्चे होते निर्धारित 

आते आते ठन-ठन गोपाल


वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने 


खाक शौक खून बेचकर, 

गुर्दा गिरवी रखकर ऐसा 

सगे रिश्तेदार अड़ंगा डाल

इतने ताने सुनने को मिल 

बहरे इंसान तक के कान 

बाल जल जाएं उड़ जाएं


वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने 


नीचा दिखाने रिश्तेदार 

हमसे पहले मंडी पहुंच 

40 की जगह 50 रुपए

टमाटर लें टमाटर मंडी 

रिश्तेदार किसी दूसरे 

50 रु किलो टमाटर

30 रुपए में पकड़ा दें.


वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने 


धोनी के फैंस देखकर 

खुश हो रहे हों मगर 

वाक़ई ये वो स्टंट जो 

एक्सपर्ट की देखरेख 


वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने 


आपने ऐसा किया जहां 

सावधानी हटी दुर्घटना घटी

मितरों फिर बता रहे 

नोट कर गांठ बांध 


वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने 


वो धोनी टमाटर बो रहे 

हम आप आम आदमी

सामने चुनैतियों का पहाड़ 

उस पहाड़ तक पहुंचने 

जटिलताओं का जंगल 


वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने 


तस्वीर है तस्वीर को तस्वीर 

धोनी और हरकतों से दिल 

लगाने की ज़रूरत नहीं 


वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने 


मरहूम मोहसिन नक़वी

काफी पहले बात कह 

चले गए हैं कि..........

'मोहसिन,' ग़रीब लोग तो तिनकों का ढ़ेर हैं,

मलबे में, दब गए, कभी पानी में बह गए.


वो धोनी हैं 

टमाटर बो रहे 

हम आम के

अपने हैं पुदीने।


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