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Arpita Neogy

Abstract Inspirational

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Arpita Neogy

Abstract Inspirational

उड़ान मेरी

उड़ान मेरी

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अम्बर अम्बर सा था जहाँ मेरा, नीले नीले से थे अंबर मेरी ।

कुछ सफ़ेद चुटकी जैसी किसी ने उस अम्बर पर फहरायी थी अपनी निशानी


ज़रूर आयी थी अंगारों के रूप में रवि,

पर था नहीं वो मेरी तरफ़ की लाली.


ज़मीन से अम्बर छू ना सका कोई .....

पर पंछी बनने की लालसा किसको है नहीं...


ये उड़ान नहीं है नयीं ..

पर आज किसी को बोलकर पहली बार उड़ान है मैंने भरी.

अंजाम तो आपको भी नहीं पता है अंबर...

व्याप्त कहाँ तक है उड़ान मेरी।


इस पल को जी लेने दो मुझे,

लुत्फ़ उठाने दो इस लम्हों की ।

अंबर भी आज नीला लगे

खो गया था जो बादलों में कही।


और सूरज...... वो तो अगली उड़ान है मेरी

इसी अम्बर पर होगा मिलाप हमारा ।

हैं ना सही..... यही अंबर है जहाँ मेरी।


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