तू शक्ति है
तू शक्ति है
तू प्रेम है, तू आग भी,
तू राधा है, तो तू काली भी,
है अगर प्रेम का विस्तार तू,
तो काल का भी रूप तू,
क्यों चाहिए हमेशा साथ किसी का,
अब खुद की तलाश कर तू,
तू शक्ति है,
तू संचार करती है इस संसार का तो,
तू संहार भी कर सकती हैं संसार का,
इस बात को मान तू,
है देवी की शक्ति तुझमें इस बात को तू जान ले अब,
रख भरोसा ईश्वर पर,
और हृदय में साहस का दामन थाम ले,
कौन तेरे को हाथ लगा पाएगा ,
अग्नि है तू वह खुद ही जल जाएगा,
तू सीता की तरह चावल की दीवार बना,
अपनी मर्यादा का ऐसा जंजाल बना,
तू अब महाकाली कि तरह शस्त्र उठा,
तू वार कर, तू प्रहार कर,
अब इस युग में आवाहन कर ,
कहते है जो भारत की नारी को कमजोर,
तेरा सरल स्वभाव कमजोरी नहीं,
तेरी ताकत बना है,
इतिहास साक्षी है भारतवर्ष के गौरव का,
तू इतिहास की मिट चुकी यादों को दोहरा अब,
तू उठ वार कर, प्रहार कर,
क्यों चाहिए साथ किसी का,
तू खुद की शक्ति को जान अब,
तू वार कर, प्रहार कर, संहार कर।
