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Khursheed Baig

Inspirational

3  

Khursheed Baig

Inspirational

तू फिर से दौड़ने लग जाएगा

तू फिर से दौड़ने लग जाएगा

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तू हिम्मत कर, तू फिर उठ जा 

खड़ा हो जा, तू चलने लग 

तू चलने पर गिरेगा डगमगाएगा

तू फिर से दौड़ने लग जाएगा

तू फिर से दौड़ने लग जाएगा।


यहां ठोकर लगी है,  लग रही है 

फिर लगेगी, तो लगने दे 

तू उठेगा फिर चलेगा लड़खड़ाए

तू फिर से दौड़ने लग जाएगा

तू फिर से दौड़ने लग जाएगा।


तेरे रास्ते की ठोकर ही तुझे मंज़िल बताएगी 

ये पत्थर ही तुझे एक रोज़ रास्ता भी दिखाएंगे 

ये पत्थर घिसते घिसते आईना बन जाएगा 

तू फिर से दौड़ने लग जाएगा

तू फिर से दौड़ने लग जाएगा।


कभी ग़लती से भी मुड़कर ना पीछे देखना लेकिन

अभी तो चल रहा है, दौड़ना, उड़ना भी है तुझको

फ़लक पर एक तारे की तरह तू झिलमिलाएगा 

तू फिर से दौड़ने लग जाएगा

तू फिर से दौड़ने लग जाएगा।


ये दुनिया है यहां सब लोग हँसते हैं, गिराते हैं 

तू गिरता जा, संभलता जा, गुज़रता जा मराहिल से

तुझे मंज़िल मिलेगी ताज भी और ताजपोशी भी

यकी़नन खिल खिलाकर तू हँसेगा मुस्कुराएगा 

तू फिर से दौड़ने लग जाएगा

तू फिर से दौड़ने लग जाएगा।


तू शाही है नशेमन है तेरा अफ़लाक के ऊपर 

सिखाए किसने तुझको ये हुनर आदाब ए परवाज़ी

ज़मीं पर आ गिरेगा ख़ून में लथपथ छटपटाएगा 

तू फिर से दौड़ने लग जाएगा

तू फिर से दौड़ने लग जाएगा।


हर एक माँ अपने बच्चे को तेरी गाथा सुनाएगी 

बहादुर बन के दुश्मन को हिला देगा मिटा देगा 

हर एक बच्चा तेरा साहस पढ़ेगा गुनगुनाएगा 

तू फिर से दौड़ने लग जाएगा

तू फिर से दौड़ने लग जाएगा।


तेरी कु़र्बानियां ही तेरी ताक़त बन के उभरेंगी 

तू अपने ही लहू से सींच कर जाएगा ये धरती 

जवां है तू अमर हो जाएगा ज्योति जला देगा 

सलामी देंगे सब अनवर, तिरंगा गर्व से लहराएगा 

तू फिर से दौड़ने लग जाएगा

तो फिर से दौड़ने लग जाएगा।


           


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