तू न डर..
तू न डर..
तू न डर..
न डर! न डर!
ऐ मेरे दिल, तू न डर
न आज, न कल
न पहले कभी, कोई पल
न हरि थी तू, न हरेगी कभी
ये जंग बाकी है अभी
बस चल, तू बस चल
निडर हो के तू बस अपने पथ पर चल
हार जीत की न तू कर फ़िकर
अपने डर से कभी न तू बिखर
आज सावन है, तो कल गुल खिलेगी
आज हिम्मत है, तो कल वो भी रंग लाएगी
न डर! न डर!
न आज, न कल
ऐ मेरे दिल, तू न डर
ऐ मेरे दिल तू न डर..