तुम ना मिले
तुम ना मिले
आज यादों के संदूक से कुछ खत मिले
कुछ अधूरे से, तो कुछ पूरे मिले
कुछ में कहीं प्यार छिपा था
तो कुछ में छोटा सा झगड़ा छिपा था
ढूँढा मैने शिद्दत से तुम्हें बहुत
तब मुझे मुश्किल से भी तुम ना मिले
वक़्त की सिल्वटों में लिपटे लम्हे मिले
कुछ अल्फाज़ मिले कुछ ख़्वाब मिले
कुछ में थोड़ा सा पागलपन मिला
तो कुछ में थोड़ा सी मदहोशी मिली
बहुत तलाशा मैने दिल से तुम को
मगर तब भी मुझे तुम ना मिले