तुम हो अपने जीवन के सिकंदर
तुम हो अपने जीवन के सिकंदर
जीवन एक रंग बिरंगी मोतियों से पिरोती धागा है।
मोड़ बहुत से आएंगे,
कुछ छोटी बिन तराशी मोतियों से
पिरोना होगा जीवन का धागा।
मत बूझिल होना, की वो छोटे है।
मत देखना दूसरों कि उड़ान को,
बिन लेना उन नन्ही मोतियों को
यह सोच कर की
उन नन्ही कंकड़ ने कौए की प्यास बुझाई थी।
ये नन्ही मोतियाँ भी जीवन के हार को हारने से बचा लेती हैं
जब हाथ में कुछ नहीं होता
तो ये नन्ही मोतियाँ खाली हाथ से बचाती हैं।
कुछ पग आगे चल कर बड़ी मोतियाँ
अभिमान लायेंगी
अपनों से दूर ले जाएंगी।
मत भूलना जब ये नहीं था
तो कैसे छोटी छोटी मोतियों ने तुम्हे
जीवन की कीमती ख़ुशियाँ दी थीं।
कई मोड़ ऐसे भी आएंगे
जब रंगहीन मोतियाँ पिरोनी होंगी
मत डरना ना निराश होना
की पिरो लेना उंन रंगहीन मोतियों को
और करना अपने हुनर पर विश्वाश
की तुम वो शिल्पकार हो
जो पत्थर को बड़े नायाब चेहरे दे देते हो
की तुम वो चित्रकार हो
जो कोरे कागज़ पर रंगों की महफ़िल सजा देते हैं।
कई मोड़ ऐसे भी होंगे
जब तुम्हरा विश्वास खुद से डगमगाएगा
अपनों पर विश्वास ना हो पाएगा
तब याद करना कैसे
तुम पर विश्वास किया था उन टीचर्स ने
यह कह कर भेजा था घर
चाहो तो क्या नहीं कर सकते हो तुम
बस उसी विश्वास से
एक बार फिर कर लेना तुम
एक नई शुरआत
भर लेना तुम एक नई उड़ान।
फिर चमकेगा किस्मत का वो निश्चिंत निरंतर तारा
और बन जाना अपने जगमगाते जीवन का सिकंदर।
