Simran Ghadwe
Inspirational
एक ही बात कहुँ
सुनलो मेरे यार,
ठान लो तो जीत है
मान लो तो हार।
चाहे कर लो
कितना भी तुम इंकार।
यही बात सच होगी
बार-बार लगातार।
ठान लो तो जीत...
जिंदगी अभी बा...
खिलाता गगन की सूनी छाती पे पुष्प, न सिंहासन किसी का छीनता है भारत। खिलाता गगन की सूनी छाती पे पुष्प, न सिंहासन किसी का छीनता है भारत।
शिक्षा अशेष जग का, अनमोल है खजाना। कल्याण साध अपना, है भाग्य को जगाना। शिक्षा अशेष जग का, अनमोल है खजाना। कल्याण साध अपना, है भाग्य को जगाना।
जिस धरती पर जन्म मिला, वह तेरा ही तो रूप है, गंगा गौ भाषा में बसता, तेरा मात स्वरूप है जिस धरती पर जन्म मिला, वह तेरा ही तो रूप है, गंगा गौ भाषा में बसता, तेरा मात ...
मंज़िल की अंतिम पायदान पर वही खड़ा हुआ है। मंज़िल की अंतिम पायदान पर वही खड़ा हुआ है।
बोली की मीठी चाशनी में, कड़वाहट को डूबोना है। बोली की मीठी चाशनी में, कड़वाहट को डूबोना है।
बेबस हो गए हैं फूल सुहाने मानो उम्र बीत गई बहारों की। बेबस हो गए हैं फूल सुहाने मानो उम्र बीत गई बहारों की।
क्या रिश्वत लेकर या देकर, धन या मान तुमने कभी ना पाया, क्या रिश्वत लेकर या देकर, धन या मान तुमने कभी ना पाया,
सबकुछ सुधारने की काबिलीयत रखते हुए भी… बेबसी जाहिर कर स्थिति के यथावत चलते देने का भा सबकुछ सुधारने की काबिलीयत रखते हुए भी… बेबसी जाहिर कर स्थिति के यथावत चलते द...
दोनों ही इस देश की धरती पर पाये जाते है, कोई कब्र, कोई श्मशान में जाते है। दोनों ही इस देश की धरती पर पाये जाते है, कोई कब्र, कोई श्मशान में जाते है।
मुखौटा गंभीरता का मुखौटा गंभीरता का
मर्जी से अपनी.... चुभाता नहीं कोई, कांटे अपने पांव... मर्जी से अपनी.... चुभाता नहीं कोई, कांटे अपने पांव...
सोचा नहीं कभी भी संचित, यहीं धरा रह जायेगा । निश्चित है गगरी टूटेगी, पानी सा बह जायेगा सोचा नहीं कभी भी संचित, यहीं धरा रह जायेगा । निश्चित है गगरी टूटेगी, पानी सा ...
ये ठीक है कि आपको बोलने की अजीबोगरीब बीमारी है। ये ठीक है कि आपको बोलने की अजीबोगरीब बीमारी है।
जो इसके समर्पण की याद दिला रहा है सब कुछ अर्पण किया था उसने आज तक जो इसके समर्पण की याद दिला रहा है सब कुछ अर्पण किया था उसने आज तक
इंद्रधनुष को देख भाव भर जाते प्रभु में मेरे। कैसी लीला बिखेर देते हो सतरंगी प्रभु मेरे इंद्रधनुष को देख भाव भर जाते प्रभु में मेरे। कैसी लीला बिखेर देते हो सतरंगी प...
मेरे जीवन गीत खुशी के, तेरी ही आवाज़ से माँ मेरे जीवन गीत खुशी के, तेरी ही आवाज़ से माँ
फिर मैं भी जुट गया करने कार्य साधन, मन, मस्तिष्क और मित्रों का मिला समर्थन। फिर मैं भी जुट गया करने कार्य साधन, मन, मस्तिष्क और मित्रों का मिला समर्थन।
कांटों पे चलना और उफ़ ना करना सच पूछो तो यही जीना है कांटों पे चलना और उफ़ ना करना सच पूछो तो यही जीना है
मेरे मन के द्वार पर रोज नये फूल खिलते हैं तुम्हारी हंसी की तरह बेमौसम खिलते है मेरे मन के द्वार पर रोज नये फूल खिलते हैं तुम्हारी हंसी की तरह बेमौसम ...
मेरा छोटा रूप भी तुम्हे बहुत भाया तभी तो पूजा में शालिग्राम बना बैठाया। मेरा छोटा रूप भी तुम्हे बहुत भाया तभी तो पूजा में शालिग्राम बना बैठाया।