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Nir Anand

Abstract

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Nir Anand

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त्रिगुणवारी

त्रिगुणवारी

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कुछ व्यक्तियों के तीन गुण

जानना है तो.....

ध्यान से सुन


देव, राक्षस, भिखारी

तीनों की आती

उसमे सवारी


शील, समाधी, ज्ञान से

अच्छे गुण आ जाय ।

धरम का कर पालन

तो देवता प्रकट हो जाय ।।


दुष्कर्मों के पीछे लगे

तो क्रोधी बन जाय ।

क्रोधी बनकर दे पीड़ा

तो राक्षसों के गुण दिख जाय ।।


इच्छा जगे पूर्ति के लिये

तो सामने पत्थर की मूरत दिख जाय ।

झुके काया कामना के लिये

तो भिखारी की सवारी आ जाय ।।


तीन गुणों ये सवारी

इसीको कहते है ' त्रिगुणवारी '



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