तेरी याद में आज भी जिंदा हूँ।
तेरी याद में आज भी जिंदा हूँ।
दिल के एक कोने में,
वो चुभन आज भी जिंदा है।
ये प्यार-व्यार क्या होता है,
मुझे पता नहीं।
पर तेरी याद में,
वो बदन की सिहरन,
आज भी जिंदा है।
दिल के एक कोने में,
वो चुभन आज भी जिंदा है।
घर से निकलने से पहले,
कई दफ़ा खुद को आईने में
निहारा करता था।
हजारों बार कंघे को,
बालों में फिराया करता था।
मुझे मालूम था,
तू बड़ी खूबसूरत है,
पर अक्सर चुपके से,
तुझे घण्टों निहारा करता था।
मेरी यादों में तेरी हर याद,आज भी जिंदा है।
दिल के एक कोने में,
वो चुभन आज भी जिंदा है
गोलगप्पे और झुलेवाला,
सबसे यारी हो गयी थी,
जब से तेरी और मेरी करारी हो गयी थी।
उन सकड़ी गलियों में,
उन बागियों की कलियों में,
तेरी मुस्कुराहट की वो,
हर आवाज़,आज भी जिंदा है।
दिल के एक कोने में,
वो चुभन आज भी जिंदा है।
तेरी सुलझी जुल्फों में मेरी जिंदगी उलझ गयी।
अब तो ना खुद को सवाँरा करता हूँ।
न बालों में कंघियाँ फिराया करता हूँ।
अब तेरी याद में,
उलझ गयी है जिंदगी,
और उन्हीं यादों में,
खुद को उलझाया करता हूँ।

