तेरे प्यार में
तेरे प्यार में
शीत ताप ब्यार में
सनम तेरे प्यार में
आकुल है, व्याकुल है
तन बदन बैचेनियाँ।
रोम रोम जल रहा
प्रेम सँग पल रहा
झरने की धार में
पत्थर की परेशानियाँ।
प्रेम ज्वर की मदहोशी
न पुष्प, न भ्रमर दोषी
मानव मन ईश सार में
नाच रही ये सारी दुनिया।
मिलन की आस तक
अंतिम सांस तक
ज़र्रा ज़र्रा इंतजार में,
शीत ताप ब्यार में,
सनम तेरे प्यार में।।