तेरे बगैर
तेरे बगैर
तेरे बगैर भी जीना
क्या जीना है यार।
रोज इन आंखों से
पानी निकले बार बार।
ख्वाबों में सपनों में
तु ही तु है आती।
पर हकीकत में
तु ही नहीं मिल पाती।
रोज सोचता हूं कि
याद ही न करूं तेरी।
पर कमबख्त यह दिल
सुनता कहां है मेरी।
तेरे बगैर भी जीना
क्या जीना है यारा।
रोज इन आंखों से
पानी निकलता है दुबारा।