तेरा मुस्कुराना
तेरा मुस्कुराना
आज फिर से बालों में मेंहदी लगाने का बिचार था
अचानक क्यों चेहरे पर खुमार था
क्या लौट आयी वो पुरानी बातें,वो यादें जिसका इंतजार था
बीत गए कितने अरसे,इन लम्हों का कब से इंतजार था
क्यों आज चेहरे पर फिर से खुमार था
मिल गयी आज ओ सामने से मुस्कराते हुए
जिसकी यादो में ये दिल कब से बेकरार था।
