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maahi mehra

Inspirational

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maahi mehra

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सुन्दर सी रचना है माँ

सुन्दर सी रचना है माँ

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जिसने हर दुख मे दर्द में साथ निभाया

कभी ना छोडा़ साध हमारा

हर वक़्त जिसने दिया सहारा

हर लम्हा बस रहे खयाल हमारा

वो सुन्दर सी रचना है माँ


लोरी की धुन, सगीत का स्वर है माँ

सुनना जिसे सारा जग चाहे, 

अपनों की तकलीफ में तडप जाती है वो

अपना ख्याल का होश रहता ना उसको

वो सुन्दर सी रचना है माँ


भगवान भी बड़ा पछताया होगा

जब उसने माँ को बनाया होगा! 

ईश्वर का काम था प्रेम देना

माँ की दुलार ने वो भी कर दिया

ईश्वर का काम था दुख हरना

माँ की गोद ने वो भी कर दिया

ईश्वर का काम था रक्षा करना

माँ के आचंल ने वो भी कर दिया

हर रिश्ते, हर बंधन की डोर है माँ

हर जग की जननी है माँ

वो सुन्दर सी रचना है माँ


माँ के चरणों में स्वर्ग है, 

माँ की ममता में स्नेह का सागर

माँ के गुस्से में पर्वाह, 

माँ की डाट में ढेर सारा दुलार

वो सुन्दर सी रचना है माँ


हमने जब से होश संभाला

तब से माँ ने हमें सभंला! 

कई राते जागी होगी ,अपने बच्चों की खातिर

ना जाने कितने दर्द सहे होगे

सिर्फ हमे जन्म देने के लिए

कई बार भूखी भी सोई होगी

हमे पेट भर खिलाने के लिए

फिर भी उफ़ तक ना करती है माँ

अपनो से प्यार खुद से भी ज़्यादा करती है माँ

वो सुन्दर सी रचना है माँ।


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