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maahi mehra

Others

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maahi mehra

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एकतरफा

एकतरफा

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तेरी बातों का लहजा, 

बहुत तकलीफ देता है मुझे.. 


हर बार तेरा, ना समझना भी

उतना ही तकलीफ देता है मुझे... 


हाँ, मानती हूँ 

मेरा रोज ना याद करना

तकलीफ देता है तुझे.. 


पर तू तो जैसे जान बूझकर

तकलीफ पहुचाता है मुझे.. 


तेरा हर बात अपने तक रखना

ना मेरी गलतियाँ गिनवाना 

पराये पन का एहसास दिलाता है मुझे... 


ना जाने क्यों तुझे खोने का डर 

हर रात तड़पाता है मुझे.. 


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