कल
कल
कल तो आयेगा पर क्या
कल, कल जैसा होगा?
हम कल भी शायद मिले
पर क्या हम कल जैसे होंगे?
कल की ही तो बात थी
जब बीता कल गुजरा था.
कल, कल में कब बीत गया
ना खबर लगी ना एहसास हुआ
बीता कल, आने वाला कल
सब भ्रम- ए - जिंदगी
सच है तो सिर्फ ये पल
जिस पल लिखा ये पढ़ा ये
छोड़ कल की चिंता में डूबना
बस आज में जीता चल
कौन जाने,
कौन सी रात की सुबह ना हो..
जिंदगी का हर पल हर मुलाकात
ऐसे करो जैसे ये पल
लौट के नहीं आने वाला कल।