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Astha Vashist

Abstract

4.5  

Astha Vashist

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सुकून

सुकून

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क्या गलत किया 

जो माँगा मैने उस टूटते तारे से


खुशी का दिलासा नही

जीने का सुकून चाहिए


चाहे पूरा आकाश नही

चलने के लिए ज़मीं चाहिए


मुझे चाहे ना मिले शोहरत का मकाम

बस एक सड़क और आकाश से बरसता नीर चाहिए


खुशी का दिलासा नही

जीने का सुकून चाहिए!


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