सरकारी विद्यालय का सन्देश
सरकारी विद्यालय का सन्देश
शिक्षा का मन्दिर मैं राजकीय विद्यालय हूँ।
नव भारत निर्माण कार्य का वर्षों से देवालय हूँ।।
राष्ट्र प्रगति की गाथा लिखने में मेरा नाम है।
अनेकों के सपनों को पूरा करने का अभिमान है।।
कई वीर योद्धा नेता शिक्षक मैंने तैयार किए।
डॉक्टर अभिवक्ता अभियंता के सपने साकार किए।।
जनता के कर से धन लेकर मेरी व्यवस्था चलती है।
नन्हे बच्चों के सपनों की प्यारी दुनिया पलती है।।
ऊँच नीच का भेद भुलाकर सब को शिक्षा मिलती है।
आत्मनिर्भर बनने की बच्चों को दीक्षा मिलती है।।
आओ बच्चों तुम्हें बुलाता शिक्षा का अधिकार है।
समग्र विकास हो हर बच्चे का प्रयास करे सरकार है।।
वर्तमान की चकाचौंध में मेरा न कुछ सम्मान करो।
हीन भावना मन में भरकर न मेरा अपमान करो।।
सम्पूर्ण कलाओं से पोषित मेरे शिक्षक महान हैं।
राष्ट्र सृजन में लगे हुए वे भारत माँ के मान हैं।