सपनो की दुनिया मेरी
सपनो की दुनिया मेरी
यह जो दुनिया है ना, मेरे सपनो की
रोज़ सुबह जगती है, नये सूरज के साथ।
देती है हौसला मुझे, न जाने कितने अरमानो के साथ
कहती है मुझसे चलूँ मैं, जीवन के हर पथ पर आज।
नित्य नये पंखो को खोले, संभावनाओ के आकाश में
जा कर ढूंढ लाऊं मैं, अपने लिये प्रकाश मैं।
कर लूँ आज, मैं सब हासिल
खुद को बना लूँ, दुनिया के काबिल।
उड़ती जाऊं, सफलता के शिखर तक मैं
ढूंढ लूँ , हर सपना अपना, इस जहाँ में।
