सनातन संस्कृति
सनातन संस्कृति
अज्ञानता के गहन तम में,
घिरा था यह जगत सारा।
अराजकता थी धरा पर,
था बड़ा भीषण नजारा ।।
ज्ञान का आलोक लेकर,
आई सनातन संस्कृति।
हुआ आलोकित जगत,
मिट गई सब विकृति।।
हमने दिया ज्ञान वेदों का,
हमने ही विज्ञान दिया ।
विश्व गुरु कहलाए हम,
दुनिया ने सम्मान दिया ।।
किंतु आज हुआ यह क्या ?
हम लगे भूलने वेदों को ।
गीता भूली, भूले पुराण,
भूल गए उपनिषदों को ।।
क्षरण हो रहा मूल्यों का,
बढ़ रही अब अपकीर्ति ।
आओ सम्हालें मिलकर,
अपनी सनातन संस्कृति।।
