सिद्ध पीठ मठ
सिद्ध पीठ मठ
सिवनी जिला मुख्यालय में प्राचीन मठ मंदिर न केवल श्रद्धालुओं आस्था का केंद्र है बल्कि ऐतिहासिक रूप से भी काफी महत्व रखता है। मंदिर के इतिहास के बारे में अनेक मान्यताएं प्रचलित हैं। कुछ लोग इसे कलचुरीकालीन मानते हैं तो कई लोग गौंड शासकों से इस मंदिर को जोड़ते हैं। महाशिवरात्रि और सावन मास में यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। मठ मंदिर का निर्माण आदि शंकराचार्य द्वारा किया गया था।
मंदिर से वर्षों से जुड़े श्रद्धालु बताते हैं कि इस मठ में स्थित शिवलिंग की पूजा आदि शंकराचार्य ने की थी। मंदिर परिसर में सिद्ध धूनी जलती थी जो अज्ञात कारणों से बुझ गई थी जिसे तीन दशक पहले फिर प्रज्जवलित किया गया था। शहर के ऐतिहासिक सिद्धपीठ मठ मंदिर में सावन माह के दौरान दूर दूर से श्रद्धालु भोलेनाथ के दर्शन करने पहुंचते हैं। 28 वर्षों से यहां पूरे सावन माह तक अखंड रामायण पाठ का आयोजन हो रहा है। सावन माह के दौरान हर दिन भोलेनाथ का आकर्षक श्रृंगार किया जाता है। दूर-दूर से कांवड़िए जल लेकर प्राचीन शिवलिंग का अभिषेक करने पहुंचते हैं।
प्राचीन शिवलिंग के दर्शन और अभिषेक करने से सभी की इच्छाएं पूरी होती हैं। साथ ही भोलेनाथ की कृपा से सभी के कष्ट दूर होते हैं। यहां एक भक्त ने शिवलिंग सिर पर रखकर समाधि ली थी। यहां सावन माह के साथ हर दिन दूर-दूर से श्रद्धालु भोलेनाथ के दर्शन और अभिषेक करने पहुंचते हैं। सावन माह में सुबह से लेकर रात तक आसपास के जिलों से भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।
