शंखनाद
शंखनाद
भारत अपने नाम सरीखा
दुनियाँ ने क्या कुछ है सीखा
ज्ञान की अविरल धारा बहती
बढ़ो हमेशा यही है कहती
भारत फिर हो विश्वगुरु, रहे हमेशा याद
ज्ञान शक्ति के लिए जरूरी है अब शंखनाद
प्रबंधन हो तकनीक हो चाहे हो विज्ञान
रक्षा हो सुरक्षा हो सबमें हों बलवान
दुनियाँ देखे पूरब में
पूरब में चमके हिन्दुस्तान
इतना चमके देश हमारा कुछ न दिखे फिर इसके बाद
इसीलिए बस इसीलिए करना है शंखनाद
उठो भरत के नववंशजो
उठकर के यह काम करो
हिन्द को मान मिले जग में
स्वर्णिम तुम अपना नाम करो
रुद्र की यही तमन्ना है दुनियाँ रक्खे याद
इसीलिए बस इसीलिए करना है शंखनाद।
