शीर्षक : पिता तुम बिन कुछ भी नहीं मैं!
शीर्षक : पिता तुम बिन कुछ भी नहीं मैं!
पिता तुम बिन कुछ भी नहीं मैं
तेरी प्यारी सी नन्ही परी मैं
तेरी बांहों में ये संसार देखा
तेरी उंगली पकड़कर चली मैं
तुम बिन अधूरा हर त्यौहार
तुम बिन सूना ये मन और घर-द्वार
ये दीप तुम बिन अधूरा
तुम्ही सर्वस्व मेरा!
पिता तुम बिन कुछ भी नहीं मैं
सुरक्षित थी सदा मैं संग तुम्हारे
तुम्हारे होते न कोई भय सताया
जीवन की बोझिल राहों को
तुमने खुद पर लेकर
उनको मेरे लिए था सहज बनाया
जब भी डगमगाए कदम
आगे बढ़कर मेरा मनोबल बढ़ाया
सही न जाने कितनी बातें
मेरे लिए पर
उन्हें न कभी दिल से लगाया
मुझे केवल आगे
आगे और आगे बढ़ाया
पिता तुम बिन कुछ भी नहीं मैं
तेरी प्यारी सी नन्ही परी मैं...