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Monica Pathak

Abstract Fantasy Inspirational

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Monica Pathak

Abstract Fantasy Inspirational

शायद कोई है !

शायद कोई है !

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   क्या पता आसमान में कोई है ?

   कुछ अनोखा सा लिखता है वो

    यह बादल उसकी लेखिनी,

    और यह हवा उस लेखिनी की सियाही है।

    शायद यह समुंदर और उसका रेत का यह तट,

    उस कहानीकार के किताब के पन्ने है।


    जब रेत उड़ती है,

    जब लहर उठती है,

     तो शायद उसकी किताब के पन्ने पलटता है वो ?


     हमारी पुरानी किताब की तरह भांति है,

     उस गीली मिट्टी की खुशबू,

     जब रेत उड़ती है, 

     जब लहर उठती है।

     सदियों से वोह इस कहानी को लिख रहा है,

     ना जाने किसके लिए ?

     और ना जाने क्या ?

     और ना जाने कब तक ?


    पर शायद यह कहानी,

    हमारे ही राज़ हैं,

    इसलिए वो किसी और को नहीं सुनाता।

    शायद यह कहानी,

    हमारी ही है,

    इसलिए वो हमें नहीं सुनाता।


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