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parul sharma

Inspirational

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parul sharma

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सफ़र-ऐ-जिंदगी

सफ़र-ऐ-जिंदगी

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क्या है जिंदगी

चलो चलते हैं एक सफर में अगर

समझ सको तो समझो क्या है जिंदगी

बचपन में सुनी माँ की लोरी से लेकर


बुढ़ापे में गूंजती कानों में खामोशी

तक का सफर है जिंदगी

चमकते चेहरे से हाथों में पड़ने वाली

झुर्रियों तक का सफर है जिंदगी


खुली आँखों में रोज नए ख्वाब सजाने से लेकर

बालों की चमकती सफेदी तक का सफर है जिंदगी

गलतियों से ठोकर खाते खाते कमाए

हुए अनुभवों तक का सफर है जिंदगी


नन्हे बच्चे से लेकर अनेक

रिश्तों की चादर ओढ़ लेने का नाम है जिंदगी

बचपन की मासूमियत से

बुढ़ापे के तजुर्बों का सफर है जिंदगी


जिए गए पलों को यादों में

बदलते देखने का सफर है जिंदगी

अनकहे जज्बात, अधुरी मोहब्बत,

बिखरी यादें, पुराने दोस्त, नुक्कड़ की चाय

इन सबको जी लेने का एहसास है जिंदगी


सूरज की गर्मी, चाँद की चांदनी,

पेड़ों की हरियाली और नए फूलों की खुशबू के बीच

खुद को देखना है जिंदगी

हाँ ले रहे हो तुम जिस पल में सांस वही है जिंदगी

वक़्त, सांस और जज्बातों का सफर है जिंदगी

बस यही है जिंदगी।


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