सदा
सदा
उनके होठों पर मेरा गीत कोई आये
कुछ देर वहीं वो ठहर जाये।
उनकी उदासी मुस्कान में बदल जाये।
मेरा गीत यूँ मुकम्मिल हो जाये।
वादियों में एक जमाने से सदा गूंजती है।
मुहब्बत को फिर से बसाया जाये।
नफरतों के बीज बोने बालों को,
बेपर्दा करके निकाला जाये।
