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Shivam Gupta

Abstract Tragedy Inspirational

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Shivam Gupta

Abstract Tragedy Inspirational

रोशनी का हाल

रोशनी का हाल

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हर अंधेरे से मैं रोशनी का हाल पूछता हूँ

कई बार खुद से एक सवाल पूछता हूँ


क्यों जो जरूरी नही हर बार वही मिलता है

दिन अचानक से नही धीरे धीरे खिलता है


भटके रास्तों पे भी कभी मंज़िल मिल जाती है

फिर रूठी हुई खुशियां खुद चल के आती है


इसी तरह पूछे हुए सवाल का जवाब मिलता है

अंधेरे में मोमबत्ती से रोशनी का हाल मिलता है।


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