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Shashi Lahoti

Abstract

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Shashi Lahoti

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रंग है, गुलाल है।

रंग है, गुलाल है।

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रंग है गुलाल है,फूल है बहार है। आया आया देखो, यह होली का त्यौहार है।


गेहूं की बालियां है,झुकी हुई डालियां है।

सोना निपजे देखो यह खेत खलिहान है।

आया आया देखो.....


रंगों की रंगोली है, झूम रहे हमजोली है।

बच्चों और बड़ों की टोली भी तैयार है।

आया आया.....


नाचते मयूर है, खुशियां चहूं ओर है।

नजर जहां भी जाए,वही हंसी की फुहार है।

आया आया ....


लताओं से घिरा कुंज है, भंवरों की गूंज है।

रंग बिरंगी तितलियां, दिखे हर छोर है।

आया आया...


चंग की धमाल है, ढोलक की थाप है। 

होली के गीतों से, गूंजे घर घर द्वार है।

आया आया...


ठंडाई संग भांग है, होली के रूप व स्वांग है।

नगाड़ों पर गिंदड़ नाच की धमाल है।

आया आया....


पानी की पिचकारी है, फूलों की फुलवारी है।

बरसाना में देखो, होली लट्ठमार है।

आया आया...


बुराई का करे दहन, सच्चाई जीते हरदम।

दिल का ये अरमान, हो जाए चमत्कार हैं।

आया आया देखो होली का त्यौहार है।


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