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KAVY KUSUM SAHITYA

Inspirational

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KAVY KUSUM SAHITYA

Inspirational

रंग बसंत

रंग बसंत

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उल्लास है, उमंग है, रंग में वसंत है

ध्यान, ज्ञान, कर्म, धर्म, मर्म और प्रसंग है !!              

बजती है वीणा कहीं, डमरू बजता मृदंग है।।         


बहती बयारों में माँ भारती के

चरणों की धूल और फूल है !।    

साध्य, साधना के पग, पग आराधना के

गूंजते स्वर साज संगीत हैं !!              


कोयल की कू कू झूमती आम की डाली के

बौर मधुबन और सुगंध हैं !!                   

सुबह संध्या की लाली चंद्र की चांदनी

नव चेतना का सौर्य सूर्य संचार सन्देश है !!        


हरियाली डोलती गेहूं की बाली धन धान्य

किसान मज़दूर के अभिमान, मुस्कान का

गाँव और देश है !!                


शक्ति की भक्ति माँ के वात्सल्य का

प्रसाद, प्रवाह अनमोल है।।       

सांसों में आश विश्वाश धड़कनों उठती

तरंग है !!           


भाग्य भगवान राम आगमन का जाग्रति जागरण है !!         

रंग में भांग वासंती वयार सरस्वती का संस्कार ।।            


दिलों के प्रेम भाव सिमटता मन मुटाव उड़ता  

गुलाल राधा कान्हा का फाग ।।        

भारत की संस्कृत संस्कार का ख़ुशियों का

बसंत है !!          



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