रमणीय महासागर
रमणीय महासागर
है कितना ख़ूबसूरत महासागर
उसकी बात है निराली
है पृथ्वी पर तथा पानी के अंदर उसका ठहराव
होता है समुद्र तथा पहाड़ के बीच सूर्योदय की दर्शनीय रंगीन सुन्दरता देखकर मन हुआ तृप्त
सूर्यास्त का सौंदर्ययुक्त दृश्य निहारकर हृदय हुआ हर्षित
है विशाल महासागर हजारो मील पर उसका फैलाव
है पानी में जंतुओं का धाम महासागर के खारे पानी से मीठेपन का एहसास
महासागर के किनारे सुरूप,
अद्वितीय कौड़ी मिला
लगता हैं जैसे अमुल्य खजाना उपलब्ध
महासागर की एक लहर से ठंडेपन की अनुभूति
हुआ ध्वनि तरंग से मन की शीतलता का आनंद