*रिमझिम करती बारिश।
*रिमझिम करती बारिश।
*इस रिमझिम करती बारिश ने मिट्टी को जरा महकाया है,
कुछ दर्द छिपाए बैठे थे बादल आंसू की बारी बहाया है ,
सोते हुए पेड़ों को तुमने अपने स्पर्श से जगाया है,
इस ज़िद्दीपन से भी तुमने ख़ुद रोके गम को भुला के सब को रुलाया है।
इस रिमझिम करती बारिश ने मिट्टी को जरा महकाया है।
