दुःख के कांटों पर तुम्हारे पैर कांपे क्यों, तुम्हारा हृदय घबराया क्यों, पीड़ा के इन दुःख के कांटों पर तुम्हारे पैर कांपे क्यों, तुम्हारा हृदय घबराया क्यों,...
सफर तेरा सुहाना था दूर कहीं जाना था, जिज्ञासा तेरी चर्चाओं का रूबरू करवाना था। सफर तेरा सुहाना था दूर कहीं जाना था, जिज्ञासा तेरी चर्चाओं का रूबरू करव...
बढ़ते प्रदूषण और पेड़ों को हम सब बचाएं, बढ़ते प्रदूषण और पेड़ों को हम सब बचाएं,
इन सब का क्या नतीजा मिलेगा ज़रा एक बार सोच जरूर लीजिएगा। इन सब का क्या नतीजा मिलेगा ज़रा एक बार सोच जरूर लीजिएगा।
*रिमझिम करती बारिश। *रिमझिम करती बारिश।
रिश्ते होते हैं राहों से कभी सिमटते कभी फैलते कभी छूटते जाते पीछे पेड़ों से रिश्ते होते हैं राहों से कभी सिमटते कभी फैलते कभी छूटते जाते पीछे पे...