The Stamp Paper Scam, Real Story by Jayant Tinaikar, on Telgi's takedown & unveiling the scam of ₹30,000 Cr. READ NOW
The Stamp Paper Scam, Real Story by Jayant Tinaikar, on Telgi's takedown & unveiling the scam of ₹30,000 Cr. READ NOW

Khushboo Patel

Inspirational

5.0  

Khushboo Patel

Inspirational

रौशनी

रौशनी

1 min
324



उस सुबह कि एक अलग ही पहचान थी,

टूटे हुए ख्वाहिशों कि पहली सुबह जो थी

वक्त बेवक्त एक ख्याल ने दस्तक दी, 

आईने के सामने एक टूटी हुई परछाईं थी


जिंदगी से कोई रुठा था,

उस सुबह वो नहीं शायद कोई और उठा था

उसके पास खुश होने का कोई बहाना ना था,

पर सच कहूं उदास होने कि भी कोई

ठोस वजह ना थी


आज उन्ही लम्हो ने जिंदगी बदल दी थी,

जिन लम्हो से जीने कि वजह मिलती थी

आखिरकार ख्वाहिशों के दौर से गुज़र

रहे थे, 

ठोकरों से मुलाकात तो होनी ही थी


कुछ दिन गुजरे, कुछ हफ्ते और

कुछ महीने भी,

कोसते रहे हम वक्त को यूँही

फिर एक रात हुई उस चाँद से बात,

पूछा मैने बिखेरनी है मुझे भी तुम सी

अपनी शीतल रौशनी


सुन के मेरी ये नादानी

शायद चाँद भी मुस्कुरा उठा, 

समझाया मुझे, 

अगर चमकने कि ख़्वाहिश है

तो समझ लो अंंधेरों से गुजरना

भी ज़रुरी है


Rate this content
Log in

More hindi poem from Khushboo Patel

Similar hindi poem from Inspirational