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Sunil Gupta teacher

Inspirational

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Sunil Gupta teacher

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राष्ट्रप्रेम गीत (43)

राष्ट्रप्रेम गीत (43)

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भूल करना नहींं, तू दुश्मन मेरे,

भूल भारी पड़ेगी, ये तेरी तुझे। 

फिर संभलने का मौका, मिलेगा नहीं,

देशवासी न छोड़ेंगे,पीछा तेरा।।


तेरे घर में, हमारे रिपु पल रहे,

तू सुरक्षा ही, करके बचाता उन्हें ।

न समझता तू, अपने अंजाम को,

जग में रहने के काबिल,न छोडूं तुझे।।


धार तलवार पे तू, चल ही रहा, 

कब तलक तू सलामत, रहेगा धरा।

 एक दिन तू कटेगा, उसी धार से,

 फिर तू आंसू बहाता, पड़ा ही रहे।


 सर अपना पटकता, तू चट्टान से, 

खुद सलामत, तू अपने को समझे नादा।

 सर तेरा फूटके, ये बहेगा लहू,

 तुझको मरने से कोई, बचा न सके।।


कौन सी गफलतों में, तू जीता रहा,

 अब संभल जा, जरा तू बेटा मेरे। 

बेटा गलती करे, बाप धीरज धरे, 

धीर धर-धर हमारा, न आपा रहा।|


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