Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Divyanshi Kumar

Inspirational

4.5  

Divyanshi Kumar

Inspirational

रानी लक्ष्मी बाई

रानी लक्ष्मी बाई

1 min
395


अंग्रेज़ आए व्यापारी बन कर ,

और लगे भारत पर कब्ज़ा जमाने।

तब जन्मी मणिकर्णिका,

उन्हें मौत के घाट उतरने। 


हुए विवाह गंगाधर राव से,

नाम पड़ा रानी लक्ष्मी बाई।

झाँसी को आज़ाद कराने की,

थी उसने कसम खाई।


देकर जन्म दामोदर राव को, 

पाया उसने माँ का सुख।

किन्तु उसकी मृत्यु का,

नहीं सह पायी वो दुःख।


गोद लिया आनंद राव को, 

नाम पड़ा दामोदर था ।

मृत्यु हुई गंगाधर रोव की,

पर हौसला तब भी बुलंद था।


जब अंग्रेज़ो ने चाहा,

झाँसी पर कब्ज़ा करना।

वो बोली "मैं अपनी झाँसी नहीं दूंगी,

चाहे फिर जीना हो या मरना"।


पीठ पे बाँधे पुत्र को अपने,

दुश्मन को धूल चटाई।

होकर बादल पर सवार,

कित्तूर को चली आयी।


लड़ती थी वो लोगों से भी,

जो कहते थे तुम लड़की हो।

आज़ादी के संघर्ष की लड़ाई,

तुम नहीं लड़ सकती हो।


जीतने की आस लिए,

लड़ती रही आखरी साँस तक।

उसकी वीरता की कुरबानी को,

नहीं भुला भारत आज तक।


भारत ने मनाया शोक,

अपनी वीर पुत्री के जाने का।

पर महिलाओं का हौसला बँधा,

ठान लिया आगे आने का।


सुनकर इनके साहस की,

करती हूँ मैं इन्हे सलाम।

सुनते ही अंग्रेजों के अत्याचार की गाथा,

याद आता है उनका नाम।


जय हिंद, जय भारत।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational