देशभक्ति
देशभक्ति
सालों पहले मातृभूमि को अंग्रेजों से बचाया है
हमने अपने भारत को गौरवशाली बनाया है
सालों पहले रखा गया हमें बेड़ियां बांधकर
तब लड़े हमारे वीर जवान हाथों में हाथ थामकर ।
तिरंगा नहीं कोई आम वस्त्र
यह ध्वज हमारी शान है
वीरों के लहू से धुला
यह अपना हिंदुस्तान हैं
जब-जब मातृभूमि पर
किसी ने आंख उठाई है
तब तब भारत के वीर सपूतों ने
दुश्मन को धूल चटाई है
भिन्न भिन्न धर्म, भाषा
व संस्कृति अपनी पहचान है
यह मातृभूमि हमारी शान है
यह देश हमारा अभिमान है
वीरों की कुर्बानी को हम
बर्बाद ना होने देंगे
जब जब आंख उठेगी मातृभूमि पर
तब तब वीरों के कहर बरसेंगे
हिमालय के ऊंचे पर्वत
कहीं गंगा की धार है
कही ध्वजा से खड़े वृक्ष
यही मातृभूमि की सौंदर्य का सार है
अड़े रहेंगे, खड़े रहेंगे, जमे रहेंगे हम
जब जब भारत मां को जरूरत होगी
डटे रहेंगे हम
है प्रण हमारा अपनी मातृभूमि
का अभिमान बढ़ाएंगे
जब जरूरत हो
भारत माता को प्राण निछावर कर जाएंगे
गौरवशाली इतिहास हमारा
और वीरता की कहानी है
भारत की भक्ति में छाई
वीरों की सजग रवानी है ।
है प्रण हमारा रहे तिरंगा हरदम ऊंचा
यह हमारी आन बान शान अभिमान है
इस पर तन मन कुर्बान है
है लहू से सींचा शूरवीरों ने
इस मातृभूमि को
यह धरोहर हमारी शान है
यह देश हमारी जान है।
