मजदूर दिवस
मजदूर दिवस
है मजदूरी का ऐसा पेशाहो सर्दी,
गरमी या बरसातबोझा कंधों पर रहे
हमेशाफिर चाहे दिन हो या रात।
खून पसीने से सींच करहमारे सपनों को
आकार दियाजिस भविष्य का हमने ख्वाब देखा
उस भविष्य को साकार किया।
कोई कूली है, कोई माली है,
कोई मोची है, कोई हमाली है
मेहनतकश हैं सब, ईमानदार हैं
बस एक प्यार के ही सब सवाली हैं।
पर क्यों नहीं मिलता इनको
अपनी मेहनत का ईनाम ?
जो करता रचना हमारे सपनों की
क्यों नहीँ उसके सर पर छान ?
चलो दिलाएं इन मजदूरों को सम्मान
चलो बनाएं नया हिंदुस्तान
चलो करें इनकी मेहनत को सलाम
चलो करें एक नए भविष्य का निर्माण।
