रामचरित्र
रामचरित्र
राम चरित्र का वर्णन करता नतमस्तक हो रहा हूं मैं आज |
राम तेरे चरित्र को मैंने देखा, पाया पुरुषोत्तम का ज्ञान ||
रावण जैसा पंडित देखा, नवग्रह जिसके थे बंदी|
शिव तांडव की रचना करके, महादेव की भक्ति जिसने की ||
विभीषण जैसा धर्मात्मा देखा, हनुमान जैसा भक्त न कोई |
लक्ष्मण जैसा शूरवीर मैंने देखा, देखी इंद्रजीत की वीरता ||
दशरथ जैसा राजा ना कोई, जनक जैसा धर्मात्मा मैंने देखा |
सीता माता के हृदय में हर वक्त है रामचंद्र ||
है पुरुषोत्तम परम कृपालु रामचंद्र की जय हो जय हो |
राम तेरे चरित्र को जान के धन्य हो रहा हूं मैं आज ||