Birendra Lodhi
Inspirational
राह में अनगिनत मोड़ है पर गिरते संभलते चला हूँ मैं
ख़्याल जो जहन में उन्हीं को मुकम्मल करने चला हूँ मैं
कितनी रागिनिय...
कहीं खो सा गय...
चला जाऊँगा ते...
राह
नूपुर की झंकार हैं, शब्दों का श्रृंगार हैं, स्वप्न एक साकार, उर्वी का आकार हैं, नूपुर की झंकार हैं, शब्दों का श्रृंगार हैं, स्वप्न एक साकार, उर्वी का आकार ह...
जन-जन का आव्हान हैं हिंदी भारत का गौरवशाली मान है हिंदी! जन-जन का आव्हान हैं हिंदी भारत का गौरवशाली मान है हिंदी!
चुपचाप दर्द पीना भी सीखा देते हैं किसी को पता ना चले घर में ये भी समझा देते हैं चुपचाप दर्द पीना भी सीखा देते हैं किसी को पता ना चले घर में ये भी समझा द...
अपने कांधे को सीढी बना सफलता का दर्शन कराते हर गुरू को मेरा नमन। अपने कांधे को सीढी बना सफलता का दर्शन कराते हर गुरू को मेरा नमन।
जिस बेटे को पाल रहा उसकी भी माँ एक नारी है! जिस बेटे को पाल रहा उसकी भी माँ एक नारी है!
तेरे अंदर छुपा वह फ़नकार महान, तुझसे निकालना अभी बाकी है। तेरे अंदर छुपा वह फ़नकार महान, तुझसे निकालना अभी बाकी है।
अपने सत्य स्वरूप के साथ, तुम में समाने लगेगा। अपने सत्य स्वरूप के साथ, तुम में समाने लगेगा।
जब भी हम सुनते टीवी पर दुश्मनों को मार गिराया है बर्फी लड्डू हम खाते जब भी हम सुनते टीवी पर दुश्मनों को मार गिराया है बर्फी लड्डू हम खाते
आम दिनों में भी देखे तो लोग हिंदी बोलने में हिचकिचाते हैं आम दिनों में भी देखे तो लोग हिंदी बोलने में हिचकिचाते हैं
मैं सिर्फ एक स्त्री हूँ , कोई अबला ,बेचारी नहीं। मैं सिर्फ एक स्त्री हूँ , कोई अबला ,बेचारी नहीं।
ऐसे गुरु और शिष्य को नमन बारम्बार है ऐसे ही गुरु और शिष्यों से उजागर भारत का नाम है। ऐसे गुरु और शिष्य को नमन बारम्बार है ऐसे ही गुरु और शिष्यों से उजागर भारत का...
न जाने क्यों लोग वृद्धों को बोझ समझते हैं सहारा नहीं देकर उनका तिरस्कार करते हैं न जाने क्यों लोग वृद्धों को बोझ समझते हैं सहारा नहीं देकर उनका तिरस्कार करते...
जिन पैरों से चल न पाऊँ उन पैरों की जान थी वो ऐसी थी वो मेरी माँ .... जिन पैरों से चल न पाऊँ उन पैरों की जान थी वो ऐसी थी वो मेरी माँ ....
होती है अनेक स्थानों पर, स्त्री की अस्मिता व पहचान। होती है अनेक स्थानों पर, स्त्री की अस्मिता व पहचान।
चैन से हम सोते हैं घर में क्योंकि जागते हैं वो सुबह शाम चैन से हम सोते हैं घर में क्योंकि जागते हैं वो सुबह शाम
हे भारत ! दे सम्मान मुझे हिन्दी हूँ मैं ! हिन्दी हूँ मैं ! हे भारत ! दे सम्मान मुझे हिन्दी हूँ मैं ! हिन्दी हूँ मैं !
सीने में एक हूक सी उठती जाने किस घड़ी ये सांस थम जाये। सीने में एक हूक सी उठती जाने किस घड़ी ये सांस थम जाये।
चाहे शहीद हो वो जाते बच्चों को अपने यही सिखाते चाहे शहीद हो वो जाते बच्चों को अपने यही सिखाते
रात लंबी हो मगर, सूरज को आना चाहिए इस अंधेरे में, कोई दीपक जलाना चाहिए। रात लंबी हो मगर, सूरज को आना चाहिए इस अंधेरे में, कोई दीपक जलाना चाहिए।
एक ओर इन्हें दुर्गा काली रूप में पूजा जाता है जब करते बात बराबरी की तो धर्म का पाठ पढ़ा एक ओर इन्हें दुर्गा काली रूप में पूजा जाता है जब करते बात बराबरी की तो धर्म क...