Birendra Lodhi
Inspirational
राह में अनगिनत मोड़ है पर गिरते संभलते चला हूँ मैं
ख़्याल जो जहन में उन्हीं को मुकम्मल करने चला हूँ मैं
कितनी रागिनिय...
कहीं खो सा गय...
चला जाऊँगा ते...
राह
खेलकूद या अन्य विधाओं या किसी भी प्रकार की गतिविधियों में उसकी रुचि नहीं थी खेलकूद या अन्य विधाओं या किसी भी प्रकार की गतिविधियों में उसकी रुचि नहीं...
जो न करे, कोई भेदभाव वो है, राम आप समान न कोई दयालु, श्रीराम। जो न करे, कोई भेदभाव वो है, राम आप समान न कोई दयालु, श्रीराम।
वर्दी पहनकर इंसान पत्थर नहीं हो जाता। वर्दी पहनकर इंसान पत्थर नहीं हो जाता।
यह दौर…कुछ देकर …हमसे बहुत कुछ ले जाता है… पर अंततः…काफ़ी कुछ खोकर…स्वयं को पाना भी स यह दौर…कुछ देकर …हमसे बहुत कुछ ले जाता है… पर अंततः…काफ़ी कुछ खोकर…स्वयं को ...
बढ़ता प्लास्टिक का प्रयोग, बढ़ता मिट्टी का प्रदूषण, घटती मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ता प्लास्टिक का प्रयोग, बढ़ता मिट्टी का प्रदूषण, घटती मिट्टी की उर्वरक क्षमता
मैं होलिका हूँ.... हाँ मैं वही होलिका हूँ। मैं होलिका हूँ.... हाँ मैं वही होलिका हूँ।
कभी कभी मुझसे कुछ गड़बड़ हो जाती तो बाद में खाते हुए हम मुस्काते कभी कभी मुझसे कुछ गड़बड़ हो जाती तो बाद में खाते हुए हम मुस्काते
तुम्हारी "मैं" की भाषा में ही बतादूँ तुम्हें क्या हूँ "मैं। तुम्हारी "मैं" की भाषा में ही बतादूँ तुम्हें क्या हूँ "मैं।
काया पर मत कर तू गुमान, मौसम की तरह बदलती है काया, यह तू जान। काया पर मत कर तू गुमान, मौसम की तरह बदलती है काया, यह तू जान।
जाग उठे गा देश ये सुदर्शन नशे की लत से जो सो रहा है कभी सोचा हमने नशे से क्या क्या ह जाग उठे गा देश ये सुदर्शन नशे की लत से जो सो रहा है कभी सोचा हमने नशे से क...
बचत से खत्म हो जाती हर मजबूरी है बचत से बंजर भू बने, उपजाऊ भूरी है। बचत से खत्म हो जाती हर मजबूरी है बचत से बंजर भू बने, उपजाऊ भूरी है।
बीत गई है,अब यह रात हो गया है,अब तो प्रभात। बीत गई है,अब यह रात हो गया है,अब तो प्रभात।
फिर टीम इंडिया घबराकर हुई एकजुट, विश्व कप जीतने को एकदम से फिट। फिर टीम इंडिया घबराकर हुई एकजुट, विश्व कप जीतने को एकदम से फिट।
बचाना है हमें जो यह संसार, सदा याद रखना यह विचार। बचाना है हमें जो यह संसार, सदा याद रखना यह विचार।
एक सपना देखता हूं मैं भी जबकि इस दुनिया की नजर में। एक सपना देखता हूं मैं भी जबकि इस दुनिया की नजर में।
जला दो इक दिया उसके लिए जिस का सपना सुनहरा टूटा है। जला दो इक दिया उसके लिए जिस का सपना सुनहरा टूटा है।
आकाश मार्ग से व्याकुल हो देवी निकल पड़ी पुष्प यान में निकट पहुँच धरातल पर देखा आकाश मार्ग से व्याकुल हो देवी निकल पड़ी पुष्प यान में निकट पहुँच धरातल पर देख...
मुझे रूप में उसके तपते सोने सी झलक दिखी जा रही थी मुझे रूप में उसके तपते सोने सी झलक दिखी जा रही थी
अपने सपनों को आयाम देने का फ़ैसला करके आयी हूँ मैं। अपने सपनों को आयाम देने का फ़ैसला करके आयी हूँ मैं।
मां उर्मि है, मां ज्योति है , मां जीवन का सुख सागर। मां उर्मि है, मां ज्योति है , मां जीवन का सुख सागर।